भारतीय क्रिकेट में Mahendra Singh Dhoni का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है।धोनी एक लौटे कप्तान है जिनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने दो बार वर्ल्ड कप का खिताब जीता है। साल 2007 टी 20 वर्ल्ड कप के बाद धोनी के नेतृत्व में टीम इंडिया ने साल 2011 में वनडे क्रिकेट का वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया था। मैदान पर कड़े फैसले लेने में कोई हिचक न दिखाने वाले महेंद्र सिंह धोनी निजी जिंदगी में काफी संकोची किस्म के इंसान है और काफी नाप तोल कर बात करते है। आज हम आपको धोनी से जुड़ा एक ऐसा ही किस्सा बता रहे है जब इस दिलेर कप्तान को इतना डर लगा था कि ये सचिन से सामना करने की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे और उनके रूम के बाहर ही खड़े रहे थे।
Sakshi की जिद के आगे MSD हुए परेशान
दरअसल महेंद्र सिंह धोनी की वाइफ साक्षी धोनी सचिन तेंदुलकर की बहुत बड़ी फैन है। उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी से सचिन का ऑटोग्राफ दिलवाने की जिद की। हालांकि धोनी के लिए ये कोई बड़ी बात नहीं थी पर वो साक्षी को टालते रहे। एक वक्त आया जब Sachin Tendulkar ने साल 2013 में क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी और उनके रिटायरमेंट से पहले की आखिरी रात में साक्षी का सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने Mahendra Singh Dhoni से कहा कि वो हर हाल में सचिन तेंदुलकर के रिटायरमेंट से पहले ऑटोग्राफ ले कर रहेंगी। उन्होंने धोनी से यहां तक कह दिया कि अगर वो साथ नहीं चलेंगे तो साक्षी खुद सचिन के पास जाकर ऑटोग्राफ ले लेंगी। इस बात पर आखिरकार धोनी को Sakshi की बात माननी पड़ी और वो उन्हें लेकर सचिन के रूम पर आने को तैयार हो गए।
सचिन के सामने खड़े नहीं हो पाए धोनी
धोनी सचिन के रूम के बाहर तक तो आ गए थे पर उनकी हिम्मत नहीं हो रही थी कि दरवाजे की बेल बजा सके। आखिरकार धोनी ने बेल बजाई और जैसे ही Sachin Tendulkar ने गेट खोला दोनों को देखकर अंदर आने का निमंत्रण दिया पर स्वभाव की वजह से धोनी शर्म कर रहे थे और उन्होंने कहा कि “साक्षी चाहती है कि आप इसकी टीशर्ट पर ऑटोग्राफ दे दें। बस हम चले जायेंगे।”
Dhoni की शर्म के पीछे ये थी बड़ी वजह
सचिन के कई बार कहने पर भी धोनी रूम के अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाए हालांकि साक्षी अंदर जाना चाहती थी पर धोनी उन्हें बाहर से ही ऑटोग्राफ दिलाकर वापस अपने रूम लौट आए। MSD ने खुलासा किया कि वो जानते थे सचिन के लिए वो रिटायरमेंट से पहले की आखिरी रात थी। तब उनके ऊपर क्या बीत रहा होगा कि उन्हें अब क्रिकेट से दूर होना पड़ेगा। यही वजह थी कि वो सचिन को परेशान नहीं करना चाहते थे।
Mahendra Singh Dhoni को कप्तान बनाने की लिए सचिन की सिफारिश
अपने करियर के शुरुआत से Mahendra Singh Dhoni एक शानदार प्लेयर रहे पर उनमें कप्तानी का टैलेंट सबसे पहले सचिन ने पहचाना था। हाल ही में सचिन तेंदुलकर ने खुलासा किया था कि टीम को द्रविड़ की जगह नए कप्तान की जरूरत थी और मैंने मैनेजमेंट से धोनी के नाम की सिफारिश की। इंग्लैंड दौरे से पहले सचिन ने मैनेजमेंट से कहा था कि ये भले ही जूनियर है पर इसमें लीडरशिप क्वालिटी है और इसपर ध्यान देना चाहिए। इसके बाद महेंद्र सिंह धोनी को टीम इंडिया की कप्तानी मिली और उन्होंने साल 2011 में टीम को वर्ल्ड कप जिताकर सचिन का सुनहरा सपना पूरा कर दिया। Sachin Tendulkar के संन्यास के समय भी धोनी की टीम इंडिया के कप्तान थे। सचिन और धोनी के बीच अब भी आईपीएल के दौरान खास बॉन्डिंग देखने को मिलती है।