हाल ही में ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। इस भीषण रेल हादसे में 280 से ज्यादा जाने चली गई और पूरे देश में मातम पसरा है। एक और कहां देशवासी इस दुखद घटना पर आंसू बहा रहे थे वहीं क्रिकेट के दो दिग्गज सितारों को लेकर सोशल मीडिया पर बड़ी खबरें आई। इन दो खबरों में एक थी Virat Kohli को लेकर कि उन्होंने बालासोर हादसे में पीड़ितों की मदद के लिए 30 करोड़ रुपए दान किए है और दूसरी खबर पूर्व भारतीय कप्तान Mahendra Singh Dhoni को लेकर थी कि उन्होंने दिल्ली में चल रहे पहलवानों के आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए बड़ा बयान दिया है। अब इन दोनों खबरों को लेकर सोशल मीडिया पर काफी हो हल्ला मचा तो आइए जानते है क्या है इन खबरों के पीछे का सच।
Virat Kohli ने दान किये 30 करोड़
विराट कोहली को लेकर सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म पर ये खबर आई कि बालासोर हादसे पर विराट कोहली बेहद दुखी हुए और उन्होंने सरकार को इसपर काफी खरी खोटी सुनाई है। इसके अलावा Virat Kohli ने 30 करोड़ रुपए सहायता कोष में भी दान किए है जिससे रेल हादसे के पीड़ितों की मदद की जा सके। बता दें ये दोनों की खबरें बेबुनियाद है। विराट कोहली ने बालासोर ट्रेन हादसे को लेकर ट्वीट करते हुए दुख जरूर जताया था पर उन्होंने न तो सरकार के लिए ट्वीट किया और न ही रेलवे के खिलाफ कोई बयान दिया है। साथ ही उन्होंने 30 करोड़ रुपए के दान को लेकर भी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। सोशल मीडिया पर विराट कोहली के पोस्ट बना कर सर्कुलेट किए गए जिसमे उन्हें बड़ा दानवीर बताते हुए 30 करोड़ दान की बात कही गई। हालांकि विराट कोहली चैरिटी के लिए काफी काम करते है पर उन्होंने रेल हादसे पर कोई राशि दान की है ऐसा कन्फर्म नहीं किया है।
Mahendra Singh Dhoni का पहलवानों को समर्थन
दिग्गज क्रिकेटर और पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को लेकर भी एक खबर सोशल मीडिया पर काफी सर्कुलेट की गई। इस खबर में ये बताया गया कि दिल्ली में चल रहे महिला पहलवानों के आंदोलन को Mahendra Singh Dhoni ने सपोर्ट करते हुए बड़ा बयान दिया है। खबर के मुताबिक धोनी का कहना है कि वो महिला पहलवानों की मांगों का समर्थन करते है और अगर जरूरत पड़ी तो विरोध के नाते वो अपने मेडल सरकार को वापस लौटा देंगे। बता दें, महेंद्र सिंह धोनी ने इस तरह का कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया है और किसी भी मंच से उन्होंने महिला पहलवानों के समर्थन में कुछ बयान नहीं दिया है। ये सब एक भ्रामक प्रचार के अलावा कुछ नहीं है।
खबरों को पहले जांचे फिर विश्वास करें
अक्सर सोशल मीडिया भ्रामक और फेक खबर उड़ा दी जाती है जो बेहद ही गलत है। इसलिए किसी भी खबर पर यकीन करने से पहले उनके फैक्ट चेक करना बेहद आवश्यक है। सरकार अपनी नीतियों से फेक खबरों पर लगाम लगाने की भरपूर कोशिश कर रही है पर इसके अलावा देश के नागरिक होने के नाते हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि इस तरह की खबरों के बारे में शिकायत करें और अनावश्यक शेयर भी न करें।